22 Jun 2015

गलतियाँ

गलतियाँ को रोकने के लिए उसकी 
मैंने भी कुछ गलतियाँ की 
गलतियाँ तो रुकी नहीं उसकी 
मैं ही गलत हो गया। 
       सवालों को सुलझाने के लिये उसके 
       मैंने भी कुछ प्रयास किया 
       सवाल तो सुलझे नहीं उसके 
       मैं ही इक सवाल बन गया। 
स्थिर करने के लिए उसे 
मैंने भी की कुछ कोशिशें 
स्थिर तो न हो पायी वो 
मैं ही अस्थिर हो गया। 
       साबुत बनाने के लिये उसे 
       मैंने भी किये परिश्रम हजार 
       साबुत तो वह बन नहीं पायी 
       मैं ही एक बुत बन गया। 
       -;-;-IXX:VII:MMIV-;-;-
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